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EXPERIENCE SHARING- 2: "SPARKS WORKSHOP"

Writer: SamantaSamanta

जनवरी का महीना मेरे लिए नए-नए अनुभव से भरा रहा। इस महीने मैं घर से ही काम कर रही थी जो कही न कही मेरे लिए काफी चुनौती भरा रहा और हो भी क्यों न घर पर रह कर काम करना और वो भी एक लड़की होकर  ये तो होना ही है। लड़कियों को घर के काम काज में इतना वास्त रखा जाता है कि  जब हम अपने career के बारे में सोचती है तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है। अब ऐसे में काम मिलने के बाद भी उसे पूरा करने काफ़ी समय लगता है। खैर अब हम आगे बढ़ते है। हमने इस महीने काफी कम्युनिटी विजिट की और काफी नई नई तरीके के काम किए लेकिन मुझे इंतजार था तो सिर्फ स्पार्क्स की रेसिडेंशनल ट्रेनिंग का। मै बहुत एक्साइटेड थी क्योंकि ये मेरे जीवन की पहली ऐसी कोई ट्रेनिग थी। मेरे लिए बहुत चुनौती भरा था कि कैसे मैं गण्डीखाता तक सुबह के 7:00 बजे पहुंचूंगी क्योंकि सर्दियों के दिन थे और मेरे पास कोई साधन भी नहीं था। जैसे तैसे मैं पहुंच गई और फिर हम देहरादून के लिए अपनी ट्रेनिंग की लोकेशन के लिए निकल पड़े। मेरी काफी एक्सपेक्टशंस थी जो ट्रेनिंग से जुड़ी थी क्योंकि ऐसी ट्रेनिंग एक्सपीरियंस करना मेरे लिए काफी नया था और इसके लिए मैं बहुत उत्सुक भी थी। मैं रहने वाली उत्तराखंड की हूं लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मैं देहरादून पहली बार गई थी इसीलिए भी मैं ज्यादा खुश थी बिल्कुल एक बच्चे की तरह। जब हम वहां पहुंचे तो वह जगह बहुत ही ज्यादा खूबसूरत और शांत थी। वहां की चीज़े बहुत ही ऑथेंटिक और ज्यादा कलरफुल थी। वहां का खाना भी काफी अच्छा था और वहां के लोग भी काफी अच्छे थे। 

चलो अब चलते हैं ट्रेनिंग की तरफ़ – मेरे लिए सबसे ज्यादा एक्साइटिंग था ऑनलाइन जुड़े हुए इनोवेटरो से बात करना। मुझे वे सभी काफ़ी इंप्रेसिव लगे और जिनकी बातें और उनके अनुभव से मैं काफी खुश थी और हैरान भी थी कि कैसे वे सभी अपनी ज़िंदगी में लड़ाइयों को जीत कर इस मुक़ाम पर पहुँचे है। मैंने सोचा भी नहीं था मुझे पहली बार ऐसा मौका मिलेगा। जब ट्रेनिंग ख़त्म हुई और हम सभी का वापस आने का समय हुआ तो मैं थोड़ा इमोशनल महसूस कर रही थी। 





BY MEENAKSHI

 
 
 

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