एक दिन मैं स्कूल गया तो बच्चों ने मुझे बताया की गैंडिखाता स्कूल में बच्चों के खेल चल रहे हैं।
बच्चों ने ये भी बोला की वहां जो खेल में जीतता है उसे इनाम भी दिया जाता है। बच्चे मुझे बता रहे थे और मन ही खुश हो रहे थे। इतने में मैंने उन्हें बताया की खेल अब हमारे स्कूल में भी होगें। बच्चों ने जल्दी से एक दम पूछा कब होगें? जवाब में मैंने कहा- ‘जल्दी होगें’। बच्चों ने दूसरे बच्चों से बोला सददाम सर बोल रहे हैं कि हमारे स्कूल में खेल होगें। सब बच्चे बारी-बारी से आकर खेलों के बारे में पूछने लगे। सभी बेहद उत्साहित थे और खेलों के लिए तैयारी करने लगे। मैंने देखा कि बच्चे खेल में बहुत उत्सुक और मगन थे। जो बच्चे स्कूल नहीं आते थे वो भी मुझे पूछते क्या हम भी खेलों में भाग ले सकते हैं? खेल होने के बाद स्कूल के बच्चे मुझे पूछने लगे कि अब दोबारा खेल कब होगा? बच्चे बताने लगे कि अब हम घर में भी प्रेक्टिस करते हैं। कुछ दिनों के बाद जब मैंने बच्चों से पूछा की अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा खुशी आपको किस दिन हुई तो उनका जवाब आया कि ‘जिस दिन हमारे स्कूल में खेल हुए थे।’ यह सुनकर मुझे ख़ुशी हुई और मेरी मेहनत कामयाब हुई।
By Saddam
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