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Writer's pictureSamanta

IMPACT X STORIES- 17

जब से मैं समानता की फैलो बनी हूँ तब से मेरे जीवन में काफी बदलाव आए है।  समानता में आने के बाद में काफी कुछ नया सीखती रहती हूँ जो शायद मेरा परिवार जनता भी है लेकिन कभी कभी वो नही समझ पाते की जो काम हम कर रहे है  वो इतने महत्वपूर्ण क्यों है? इसको लेकर अक्सर मां से इस बारे में बात होती है लेकिन वो अपने घर के कामों में इतना उलझी होती है की मेरी बातें उनको ‘महात्मा’ जैसी लगती है। वो मुझे कई बार सुन कर कहती है की तुम काफी बड़े बदलाव की बात कर रही हो और तुम तो बहुत छोटी हो। अभी अकेले कुछ नही कर पाओगी और ये समाज ऐसे ही चलता है। मैं मिडिल क्लास फैमिली से हूं तो इसीलिए कभी ज़्यादा घर से निकली नही थी। जैसे ही घर वालो को पता चला की मेरी ट्रेनिंग है जो समानता ने ऑर्गेनाइज की है और हमे वहा पर 2 रात और 3 दिन रहना है तो उन्हें यह बात पसंद नही आई। परमिशन लेते समय उनके मुंह पर साफ साफ झलक रहा था। लेकिन जैसे तैसे जाने का पक्का हो गया। अब पता नही जब मेरी फैमिली राजी तो होजाती है लेकिन मन से नही होती तो मुझे अच्छा नहीं लगता।  अब उनकी चिंता भी जायज़ है क्योंकि मैं अभी तक ऐसे उनके सपोर्ट के बिना कभी बाहर रही भी नहीं थी। फिर जब मैं ट्रेनिंग में पहुंची और वहा जाकर मैं सब भूल गई तो स्पार्क्स की ट्रैनिंग शायद सबके लिए एक ट्रैनिंग रही हो लेकिन मेरे लिए वो एक मौका था घर वालो को एक विश्वास दिलाने का और खुद के काम को प्रस्तुत करने का। जब उन्होंने मेरा पोस्टर देखा जिसमे मेरी स्किल्स के बारे में लिखा था तो वे बहुत खुश हुए। मुझे नही पता था कि एक पोस्टर घर वालो पर इतना बड़ा इंपैक्ट डालेगा।  उन्हे बहुत खुशी हुई। मेरे घर पर किसी को मेरी सीख, कौशल और अनुभव का पता नही था। तबसे मैने अपने घर में काफी छोटे छोटे बदलाव होते देखे है।  अब भैया भी मेरे काम को लेकर पूछते है। मुझे सामने से पूछा जाता है और वो प्राउड होकर दूसरो को भी मेरी एडिटिंग के बारे में बताते है जो देख कर मुझे बहुत खुशी होती है ।





BY MEENAKSHI

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