जिस स्कूल में बच्चे पढ़ाता हूँ उस स्कूल में लगभग 10 साल से पीटीएम नहीं हुई। मैंने एचएम सर से बात की और उन्हें बताया कि क़रीब सभी कक्षाओं में से कुछ बच्चे है जो स्कूल नहीं आ रहे है। सर ने मुझे बताया बच्चों के मां-बाप बच्चों को स्कूल नहीं भेजते। जब उन्हें कभी स्कूल के किसी कागज की जरूरत होती है तो आते हैं नहीं तो वे कभी नहीं आए। मैंने कम्युनिटी विजिट किया और लोगों से मिला। मैंने इस मुद्दे पर माता-पिता से चर्चा की और पूछ कि कभी आपने स्कूल में जाकर अपने बच्चों के बारे में पूछा है? मैं उन सारे बच्चों के घरों में गया जो बच्चे स्कूल नहीं आते थे। सबसे बात की उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें मैंने स्कूल बुलाया। मैंने अपने स्कूल के हेड मास्टर से पेरेंट्स टीचर मीटिंग की डेट फिक्स कराई। उसके बाद मैं फिर कम्युनिटी विजिट करने लगा। मैंने लगातार 15 दिन कम्युनिटी विजिट किया और लोगों को मीटिंग की तारीक बताई। मीटिंग वाले दिन माता पिता ने अपने बच्चों के बारे में सर से पूछा सब ने पता किया कि हमारा बच्चा पढ़ाई में कैसा है? इस की पढ़ाई अच्छी करने के लिए हम क्या-क्या कर सकते हैं? समाज के कई लोगों ने मुझसे बोला कि इससे पहले कभी भी पेरेंट्स टीचर मीटिंग नहीं हुई। पेरेंट्स टीचर मीटिंग होने के कारण कई बच्चे जो कोरोना टाइम से अपने घर में ही थे जो बच्चे स्कूल नहीं आते थे। अब बच्चों ने दोबारा स्कूल में एडमिशन लिया है।
By Saddam
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