मेरा नाम मोहिनी है!
मैं समानता फाउंडेशन की ट्रैनिंग मै पहली बार जुड़ी हूँ मुझे समानता मे शामिल होकर बहुत अच्छा लगा। मुझे यहाँ पर आकर बहुत सी जानकारी बहुत सी चीजो और लोगों के बारे मे जानकारी प्राप्त हुई है। मैंने यहाँ पर आकर बेस कैंप की ट्रैनिंग ली,मुझे इस ट्रैनिंग मे आकर नए- नए दोस्त( भाई- बहन) मिले,उन के बारे में जाना कौन कहाँ से आते है कहाँ रहते है, या उन को खाने मे, पहनने मे क्या पसंद है इन सब को जानकर अच्छा लगा, और उन लोगों से भी मुझे अलग अलग तरीके की जानकारी मिली।
शुरू दिन मे हम हैरान थे की क्या होता है कैसे होता है तो शुरू के दिन हमने अपने हाथो को रंगो से भरा वहा पर अपनी एक छाप बनाई पुरा दिन रंग बिरंगा बन गया था। इसी तरह हमने धीरे धीरे नई नई चीजो के बारे मे जाना। ऐसे ही हमने एक साल का पूरा कैलेंडर तैयार किया जिसमे शुरू मे हमे परेशानी आई पर धीरे धीरे हमने कैलेंडर बनाना सीख लिया, लेसन प्लान को सीखा, TLM को भी जाना।इन सब के बारे मे मुझे बिल्कुल पता नही था,जिसको बनाने के बाद बहुत अच्छा लगा ये भी मुझे नया सीखने को मिला। इसमें मुझे काफी कुछ सीखने को मिला जिसमे से मुझे बच्चे का संदर्भ बहुत ही अच्छा लगा की किस की वजह से बच्चा पढ़ नही पा रहा है और हम ने किस वजह से सही से नही पढ़ा आदि सारी बाते सीखने को मिली
ज्यादातर मुझे यहाँ पर बच्चो के बारे में जानकारी मिली। जिसको जानकर मुझे बच्चो के बारे में काफी जानकारी मिली।(अपने मूल्य को भी जाना अपने अंदर के भेद को भी SWOT जाना) बच्चो को किस तरह से पढाए किस विषय पर पढाए आदि सभी बातों के बारे मे पता चला। जो की मुझे मालूम नहीं था। और अपने बारे मे भी पता लगा आदि सभी मुझे समानता मे आकर ट्रैनिंग मे आकर पता लगा।
मैं (=) इस चिन्ह का मतलब नही पता था अब इसका अर्थ पता है। (जिसका अर्थ है एक समान) जो की हमें पता नही था।
Written by Mohini
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