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Writer's pictureSamanta

आंगनवाड़ी में तीन महीने 

हेलो दोस्तों, मुझे आंगनवाड़ी में काम करते हुए अब तीन महीने हो गए हैं। इन तीन महीनों में मैंने बच्चों, पेरेंट्स, आंगनवाड़ी वर्कर (AWW), स्कूल के हेड मास्टर (HM), और टीचर्स के साथ एक गहरा और मजबूत रिश्ता बनाया है। यह सफर न केवल मेरे लिए सीखने का अनुभव रहा है, बल्कि बच्चों के साथ काम करने में मुझे बेहद खुशी भी मिलती है।


नवंबर का महीना मेरे लिए खास था। मैंने आंगनवाड़ी में बाल दिवस का आयोजन किया, जिसमें बच्चों के साथ AWW भी शामिल हुईं। मैंने बच्चों के लिए अलग-अलग खेलों की योजना बनाई, जिससे वे बहुत खुश हुए। बच्चों को छोटे-छोटे गिफ्ट्स भी दिए गए, जो उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए काफी थे। इस आयोजन में AWW ने मेरी बहुत मदद की, और बच्चों ने दिल खोलकर आनंद लिया।


नवंबर में मैंने पीएलसी (Parent Learning Circle) का भी आयोजन किया। इस बार, वे पेरेंट्स भी शामिल हुए, जो इससे पहले कभी नहीं आए थे। यह मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि धीरे-धीरे मैं पेरेंट्स को जागरूक करने में सफल हो रही हूं। इस बैठक में हमने बच्चों की शिक्षा, पोषण, और उनके समग्र विकास पर चर्चा की। मुझे खुशी है कि पेरेंट्स ने इसे गंभीरता से लिया और अपनी भागीदारी दिखाई।


अब स्कूल के HM और टीचर्स के साथ मेरा रिश्ता काफी मजबूत हो गया है। एक टीचर के साथ तो मेरी अच्छी दोस्ती हो गई है। वे अक्सर आंगनवाड़ी आते हैं और बच्चों को सिखाने के लिए नए-नए तरीके सुझाते हैं। मैंने उन्हें ECCE (Early Childhood Care and Education) के छह स्तंभों (Six Pillars) के पोस्टर दिखाए और उनके बारे में विस्तार से समझाया। वे ECCE की इस पहल से बेहद प्रभावित हुए और आंगनवाड़ी को चाइल्ड-फ्रेंडली बनाने के लिए कई नए आइडियाज भी दिए।


AWW ने इन तीन महीनों में मुझे अपनी बेटी की तरह अपनाया है। वे हर कदम पर मेरा सहयोग करती हैं और बच्चों के लिए टीएलएम (Teaching Learning Material) बनाने में मेरी मदद करती हैं। उनके सहयोग से मेरा काम आसान और व्यवस्थित हो गया है।

बच्चों को खुश रखना और उनके विकास के लिए नई-नई गतिविधियां तैयार करना मेरी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। ये गतिविधियां न केवल बच्चों को सीखने में मदद करती हैं, बल्कि उनके लिए मजेदार भी होती हैं। बच्चों की मुस्कान और उनका उत्साह मेरे काम को और भी सार्थक बनाते हैं।


अब मुझे किसी तरह की चुनौती महसूस नहीं होती। पेरेंट्स, टीचर्स, HM, और AWW के साथ मेरा रिश्ता बेहद मजबूत हो चुका है।


Written by Tanu

SEEDS, Fellow Trainee

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