मेरा नाम साक्षी है, और मैं अगस्त 2024 से समानता फाउंडेशन के साथ काम कर रही हूं। इस सफर में मुझे अपने आंगनवाड़ी केंद्र में कई बदलाव लाने का अवसर मिला। आज मैं आपको नवंबर महीने के अपने अनुभवों के बारे में बताना चाहती हूं, जो चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ काफी प्रेरणादायक भी रहे।
चिल्ड्रन्स डे की खास यादें
नवंबर के महीने में कई छुट्टियां रहीं, लेकिन 14 नवंबर का दिन खास था। हमने चिल्ड्रन्स डे बड़ी धूमधाम से मनाया। बच्चों के लिए अलग-अलग गेम्स और डांस एक्टिविटीज आयोजित की गईं। एक गेम में बच्चों को सिर पर किताब रखकर बैलेंस करते हुए चलना था, जो उन्हें बहुत पसंद आया। बच्चों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसी टोपी पहनकर फोटो खिंचवाईं और अपने पसंदीदा गानों पर डांस किया।
इस दिन मेरी सहयोगी और हेल्पर ने मेरा पूरा साथ दिया, जिससे कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद मिली। चिल्ड्रन्स डे के बाद, मैंने बच्चों को नजदीकी स्कूल में लगे बाल मेले में भी ले गई। वहां बच्चों ने खूब मस्ती की, और उन्हें चॉकलेट भी दी गई, जिससे उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।
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दिल्ली से टीम का दौरा
इसी महीने मुझे यह खबर मिली कि दिल्ली से कुछ लोग हमारी आंगनवाड़ी का निरीक्षण करने आने वाले हैं। यह सुनकर मैं थोड़ी घबरा गई थी, लेकिन तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि, जब टीम पहुंची, तब तक हमारा आंगनवाड़ी केंद्र बंद हो चुका था, इसलिए मैं उनसे पास के स्कूल में मिली। शुरुआत में घबराहट थी, लेकिन उनसे मिलते ही लगा जैसे मैं उन्हें पहले से ही जानती हूं।
मैंने उन्हें अपने काम और बच्चों के साथ की जाने वाली गतिविधियों के बारे में बताया। उन्हें मेरी आंगनवाड़ी की तस्वीरें दिखाईं, जो उन्हें बहुत पसंद आईं। मैंने अपने गांव के बारे में भी बताया, जिसे सुनकर वे काफी प्रभावित हुए। इस मुलाकात ने मुझे नई ऊर्जा और आत्मविश्वास से भर दिया।
चुनौतियां और समाधान
नवंबर के महीने में एक बड़ी चुनौती यह थी कि आंगनवाड़ी में बच्चों की उपस्थिति कम हो रही थी। इसे सुधारने के लिए मैंने समुदाय में जागरूकता बढ़ाने पर काम किया। इसका सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि अब बच्चों की संख्या बढ़ रही है, और आंगनवाड़ी का संचालन पहले से बेहतर हो रहा है।
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नई सीख और मीटिंग्स
इस महीने हमारी ऑफिस मीटिंग भी हुई, जिसमें मेरे कई सवालों के जवाब मिले। खासकर पीएलसी (प्री-लर्निंग सेंटर) और समुदाय से जुड़ने के बारे में मुझे नई जानकारी प्राप्त हुई। यह सब सीख मेरे काम को और प्रभावी बनाने में मददगार रही।
नवीन भविष्य की ओर
नवंबर का यह सफर चुनौतियों और नई शुरुआतों से भरा था। मैंने सीखा कि कठिनाइयों के बीच भी अगर हम सकारात्मक रहें और प्रयास करते रहें, तो सफलता जरूर मिलती है।
आने वाले महीनों में, मेरा लक्ष्य आंगनवाड़ी में और ज्यादा बच्चों को जोड़ना और उनकी शिक्षा एवं विकास के लिए नए-नए तरीके अपनाना है।
आप सभी के साथ इस यात्रा को साझा करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। आपकी शुभकामनाएं और समर्थन मेरी प्रेरणा हैं।
Written by Sakshi Saini
SEEDS, Fellow Trainee
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