क्या कहानियों के इस्तेमाल से बच्चों को शिक्षित करने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव लाए जा सकते है?
क्या कहानियों से किसी की समझ में बढ़ोतरी हो सकती है?
यह कुछ सवाल हमें अपने आप से पूछने चाहिए और एक बार कहानियों के माध्यम से किसी संदेश को कहने की कोशिश ज़रूर करनी चाहिए। किसी बात को कहानी के ज़रिये बयान करना भी आपके कौशल की पहचान है। अगर हम सचेत होकर सोचे तो पता कर पाएंगे की कहानियाँ हमारे रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है। जब भी हमें किसी बच्चे को कुछ समझाना होता है तो हम अमूमन किसी कहानी का प्रयोग करते है।
क्या आपने कभी सोचा कि ऐसा क्या होता है की बच्चा आपकी कहानी पर विश्वास करने लगता है और आपकी बात मान जाता है?
यह निर्भर करता है की आपका खुद की कहानी में कितना विश्वास है और आपका बच्चे से कैसा रिश्ता है। यह दोनो चीज़ें बच्चे का विश्वास जीतने के लिए महत्वपूर्ण हैं। आपका बच्चे के साथ एक दोस्त का रिश्ता होना काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। एक दोस्त आपको अच्छे से समझता है और आपकी प्रेरणा का स्रोत होता है। यह बातें मैंने खुद अनुभव की जब में बच्चों को कहानी सुना रहा था।
कहानियाँ बच्चों को खूब भाती हैं और वे कहानियाँ सुनना पसंद करते है। शिक्षाविद मानते है की बच्चों में व्यावहारिक बदलाव लाने में कहानियाँ अहम भूमिका निभाती हैं। मैंने भी समानता फ़ाउंडेशन द्वारा स्थापित learning centre में बच्चों के साथ यही अनुभव किया है। बच्चे कहानी बड़े ध्यान से सुनते है और कहानियों से अपने आप को जोड़ते है।
यदि कहानी उनके पर्यावरण से जुड़ी हुई हो तो बच्चे उसमे और रस पाते हैं। हम इन centre में लाइब्रेरी के माध्यम से किताबी कहानियाँ , उनकी अपनी सदियों से चली आ रही कहानियाँ और बच्चों द्वारा सुनायी हुई ख़्वाब से भारी कहानियाँ सुनते सुनते है।
Guneet
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