top of page

बच्चे मेरा इंतजार करने लगे

Writer's picture: SamantaSamanta

Updated: Nov 2, 2024

बच्चों को सीखनी है अच्छी वाणी 

तो आप भेजो बच्चों को आंगनवाड़ी 


मैंने नन्हें कदम फैलोशिप के लिए अप्लाई किया। पेपर के बाद में फेलोशिप के लिए चयनित हुई| 8 दिन की ट्रेनिंग के मेरे नए अनुभव के साथ में आंगनवाड़ी केंद्र पहुंची। वहां मुझे महसूस हुआ की 8 दिन की ट्रेनिंग में जो कुछ भी मैंने सीखा वह मेरे आने वाले भविष्य का हीं एक हिस्सा था| मेरे ट्रेनिंग के अनुभवों ने मुझे आंगनवाड़ी में कार्य करने व लोगों से मिलने में बहुत सहायता की| मैं पहले दिन आंगनबाड़ी सहायिका व आंगनबाड़ी सुपरवाइजर से मिली। आंगनवाड़ी में पहले दिन ही छोटे बच्चों के साथ बहुत अच्छा दोस्ती का रिश्ता बना| अगले दिन से वह नन्हे बच्चे मेरा इंतजार करने लगे|


हम रोज मिलते कुछ बातें करते खेलते व सीखते हैं। पहले मुझे थोड़ा मुश्किल लगा कि इतने बच्चों को मैं कैसे संभाल पाऊंगी पर जैसे-जैसे समय बिता हम लोगों में उतना परिवर्तन हुआ| अब मुझे रोज उन्हें कुछ ना कुछ सीखने व सिखाने में बहुत अच्छा लगता है| जहां पहले उन्हें संभाल पाना मुश्किल लग रहा था अब वह मेरी बात, कहानी सुनने लगे वह उन्हें अपनाने लगे|


बच्चे कभी-कभी टीचर बनकर खुद पढ़ते जिसमें उन्हें मजा आता, नई चीज़ सीखने को मिलती। बच्चों के साथ समय कैसे निकल जाता है यह पता ही नहीं चलता। फिर मुझे आंगनवाड़ी वर्कर ट्रेनिंग में वालंटियर करने का मौका मिला जिसमें मैंने बहुत नई चीज सीखी| जैसे पी.बी.एल. के बारे में और अधिक जानकारी मिली| मुझे आंगनवाड़ी वर्कर ट्रेनिंग में नए लोगों से मिलने का मौका मिला उनके अनुभव, काबिलियत व गुणो को देखने व सुनने का मौका मिला। 


मैंने अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकाल कर ट्रैवल किया नई जगह देखने व नए लोगों के साथ काम करने का मौका व अनुभव मिला| वहां मुझे नई चीजों के बारे में जानकारियां प्राप्त हुई | जैसे सभी वस्तुओं के लिए एडवर्टाइजमेंट होते हैं पर आंगनबाड़ी पर कोई भी नहीं है जिससे लोगों को बताया, समझाया जा सके| वहां जो ट्रेनिंग पर आई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया तो उसे समय मेरे मन में दो लाइन आई । 

बच्चों को सिखानी है अच्छी वाणी , 

तो आप भेजो बच्चों को आंगनवाड़ी। 


इस तरह मुझे 3 दिन आंगनवाड़ी वर्कर ट्रेनिंग में वालंटियर करने का मौका मिला| जिससे मैं नए लोगों से मिलकर उनके विचारों को समझकर नए अनुभव अपने जीवन में सम्मिलित किए। 




(उमा नन्हे कदन फेलोशिप में एक फेलो है और अभी राजाजी नेशनल पार्क के समीप एक आंगनवाड़ी में फेलो के रूप में कार्य करती हैं)


कार्यक्रम - प्रारंभिक विकास विशेषज्ञों के लिए कौशल वृद्धि

10 views0 comments

Recent Posts

See All

Comments


bottom of page