नवंबर के पहले सप्ताह में मैंने बच्चों को बदलते मौसम के बारे में बताया। मैंने समझाया कि सर्दियों में सभी गर्म कपड़े पहनते हैं, और इसके बाद बच्चे भी गर्म कपड़े पहनकर आने लगे।
मैंने बच्चों को हर रविवार अपने नाखून काटने और भोजन से पहले हाथ धोने की आदत डालने के लिए प्रेरित किया।
बाल दिवस की तैयारी में मैंने बच्चों के साथ खेल और कविता पर आधारित गतिविधियां करवाईं, जिसमें सभी बच्चों ने मिलकर उत्साहपूर्वक भाग लिया।
बाल दिवस
बाल दिवस के अवसर पर मैंने बच्चों के लिए मिठाई जैसे टॉफी और हलवा बनाया और उन्हें खिलाया। हमारे आंगनवाड़ी केंद्र में अन्य केंद्रों की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी आईं और हमने मिलकर बाल दिवस मनाया।
सभी बच्चे बहुत खुश थे। बच्चों के साथ बाल दिवस मनाकर मुझे बहुत अच्छा लगा। इस उत्सव के बाद जो बच्चे केंद्र में कम आते थे, वे भी आने लगे। अब हम बच्चों के साथ खेल, गतिविधियां और कहानियां सुनाने का सिलसिला जारी रखते हैं।
सामुदायिक दौरे के दौरान मैंने अभिभावकों से बच्चों पर अधिक ध्यान देने की बात की।
मैंने अभिभावकों से बदलते मौसम में बच्चों के कपड़ों का ध्यान रखने और उन्हें रोज़ आंगनवाड़ी भेजने के लिए कहा।
कुछ अभिभावकों ने बताया कि उनका घर आंगनवाड़ी केंद्र से बहुत दूर है और रास्ते में बंदरों की समस्या के कारण वे बच्चों को नहीं भेज पाते। मैंने फिर भी उन्हें बच्चों को आंगनवाड़ी भेजने के लिए प्रेरित किया।
सामुदायिक दौरे के बाद, जो बच्चे केंद्र के पास रहते थे लेकिन नहीं आ पा रहे थे, वे अब नियमित रूप से आने लगे हैं। कुछ अभिभावक खुद बच्चों को छोड़ने और लेने आने लगे हैं।
अभिभावक-शिक्षक संवाद (PLC)
इस महीने PLC (पेरेंट लर्निंग सर्कल) में मैंने अभिभावकों से बच्चों के बारे में बातचीत की।
मैंने उन्हें सुझाव दिया कि वे घर पर भी बच्चों से पूछें कि वे आंगनवाड़ी में क्या सीखते हैं।
मैंने उन्हें यह भी कहा कि वे बच्चों को मौसम के अनुसार कपड़े पहनाकर भेजें और उन्हें रोज़ आंगनवाड़ी भेजने पर जोर दें।
इसके साथ ही, आधुनिक आंगनवाड़ी के फायदों के बारे में भी चर्चा की।
नवंबर की शुरुआत में, मैंने अपनी सहकर्मियों के साथ बच्चों के लिए गतिविधियों और भोजन की व्यवस्था के बारे में चर्चा की। उन्होंने मेरा पूरा सहयोग दिया और बच्चों के लिए अच्छी व्यवस्था की।
बाल दिवस पर, हमने बच्चों को नेहरू जी के बारे में बताया और कविता पर आधारित गतिविधियां करवाईं।
हम नियमित रूप से वरिष्ठ आंगनवाड़ी कर्मचारियों के साथ चर्चा करते हैं कि बच्चों को बेहतर तरीके से कैसे सिखाया जाए और नामांकित बच्चों को केंद्र पर लाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
इस महीने की गतिविधियां और सामुदायिक संपर्क बहुत प्रभावी रहे। बच्चों की बढ़ती भागीदारी और खुशी देखकर मुझे बहुत संतोष हुआ। आने वाले महीनों में भी इस तरह के प्रयास जारी रखने की मेरी योजना है।
Written by Ramlesh
SEEDS, Fellow Trainee
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