आंगनवाड़ी केंद्र में काम करते हुए मुझे न केवल बच्चों की समस्याओं को समझने का अवसर मिल रहा है, बल्कि उनके समाधान निकालने की दिशा में भी सार्थक प्रयास करने का मौका मिला है। कम्युनिटी विजिट के दौरान माता-पिता और बच्चों से संवाद कर, उनकी ज़रूरतों को समझने और उन पर काम करने का अनुभव मेरे लिए बेहद लाभदायक रहा।
इस महीने मैंने पेरेंट्स लर्निंग क्लास (PLC) आयोजित की, जिसमें माता-पिता ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसमें हमने चर्चा की कि बच्चों की समस्याओं को कैसे समझा जाए और उन्हें घर पर ही कैसे नई चीजें सिखाई जा सकती हैं। बच्चों की अच्छी और बुरी आदतों पर भी चर्चा की, जिससे उनके व्यवहार को बेहतर तरीके से समझने और सुधारने में मदद मिली। यह अनुभव मेरे लिए ज्ञानवर्धक रहा और मैंने महसूस किया कि बच्चों को सही मार्गदर्शन देने के लिए सामुदायिक सहयोग कितना आवश्यक है।
आंगनवाड़ी में काम करते हुए, मुझे एक दिन के वालंटियर मेले में भाग लेने का मौका मिला। इस दौरान मैंने सीखा कि घरेलू और बेकार वस्तुओं का उपयोग कर बच्चों के लिए आकर्षक और शैक्षिक सामग्री तैयार की जा सकती है। उदाहरण के तौर पर, पुराने अखबार, किताबें, या गत्तों का इस्तेमाल करके आइसक्रीम, आम, केला, या पजल जैसी चीजें बनाई जा सकती हैं। यह न केवल बच्चों के लिए मजेदार है, बल्कि उन्हें सिखाने का एक रचनात्मक तरीका भी है।
नवंबर महीने में हमने बाल दिवस का उत्सव मनाया। बच्चों के साथ पोयम, डांस, और विभिन्न खेल जैसे बॉल थ्रो और पिक द कलर का आयोजन किया। इन गतिविधियों ने बच्चों को खूब आनंदित किया और उनके अंदर आत्मविश्वास जगाने में मदद की। इस आयोजन के दौरान बच्चों के साथ बिताया गया समय मेरे लिए बेहद खास रहा।
आंगनवाड़ी केंद्र में बिताया गया हर पल मुझे नई सीख दे रहा है। जितना अधिक मैं बच्चों और उनके परिवारों के साथ समय बिता रही हूं, उतनी ही गहराई से उनकी समस्याओं को समझने और उनका समाधान निकालने में सफल हो रही हूं। मैंने महसूस किया है कि जहां समस्या होती है, वहीं समाधान भी छिपा होता है।
आगे भी मैं इसी प्रकार सीखने और सिखाने के प्रयास करती रहूंगी, ताकि बच्चों के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान दे सकूं।
Written by Pooja Pal
SEEDS, Fellow Trainee
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