आज मैं अपने अनुभव के बारे में बताऊंगी| मेरा नाम चारु पाल है| मैंने समानता फाउंडेशन से बेस कैंप ट्रेनिंग ली है|
हमारी बेस ट्रेनिंग मई में शुरू हुई थी और मुझे वहां बहुत से नये साथी मिले जो अलग-अलग स्थान से आते थे| हम सब ने एक दूसरे के बारे में जाना कि वह कहां से आते हैं और क्या करते हैं उनको क्या पसंद है सब के बारे में पता चला l हम सब साथियों ने दूसरे दिन एक-एक पौधा अपने ऑफिस के बाहर लगया है| तथा मैंने बेस कैंप ट्रेनिंग में हर दिन कुछ नया सीखा है|
जब मैं पहले दिन बेस कैंप ट्रेनिंग के लिए गई तो मन में बहुत सवाल थे कि ट्रेनिंग में क्या होगा और कैसे होगा जैसे-जैसे हम रोज वहां जाने लगे तो हमें हर दिन कुछ नया सिखने को मिला और समझने को मिला जब मैं घर आती थी पापा मम्मी मुझसे पूछते थे कि आज ट्रेनिंग में क्या हुआ मैं उनके सवालों के उत्तर देती थी और मुझे उनके उत्तर देने में बहुत अच्छा लगता था और मैंने ट्रेनिंग में नई नई गतिविधि सीखी बच्चों के सन्दर्भ को जाना और अपने मूल्य को समझा,अपने भेद को जाना, और मैंने अपना स्कूल कैलेंडर तैयार किया और मुझे ट्रेनिंग में बहुत सी नई जानकारी प्राप्त हुई फ़िर मैंने ट्रेनिंग के बाद मई मैं स्कूल को ज्वाइन किया है
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