स्कूल ज्वाइन करते ही बहुत प्यारे प्यारे बच्चों से मेरी मुलाक़ात हुई ।
बच्चों से बात करना और उनकी बातों को सुनना मुझे बहुत अच्छा लगता है। जैसे-जैसे मेरे स्कूल में दिन जा रहे थे वैसे-वैसे मेरा कनेक्शन बच्चों से बढ़ता जा रहा था। मैंने बच्चों के साथ बहुत सारी गतिविधियाँ की और बहुत सारी गतिविधियाँ मैंने बच्चों से भी सिखी। फ़िर मैंने और बच्चों ने मिलकर बहुत सारी ड्राइंग की, जिसमें बच्चों ने बहुत प्यारे-प्यारे चित्र बनाए। बच्चों से बातें करके मुझे बच्चों की पसंद और नापसंद का पता चला और बच्चों को मेरी पसंद नापसंद का पता चला। फ़िर मैंने मई में बच्चों का आकलन किया और बच्चों ने इसमें मेरा काफी साथ दिया। आकलन करते समय मुझे बच्चों के बारे में और भी जानकारी प्राप्त हुई। बच्चो को जानने व उनके माता पिता को समझने के लिए मैंने कम्युनिटी विजिट का सोचा और फिर मैं कम्यूनिटी विजिट के लिए गई। मैं बच्चो के माता पिता से मिली और उनसे मिलने के बाद मुझे बच्चा घर मे क्या करता है यह भी पता चला।
मई में बच्चों के साथ मिलकर समर कैंप की तैयारी की। इसके लिए मैंने प्लान बनाया। समर कैंप के साथ साथ मैने बच्चों की जून की छुट्टी के लिए हॉलीडे होमवर्क भी डिजाइन किया। जैसे-जैसे छुट्टी के दिन पास आ रहे थे, वैसे-वैसे ही समर कैंप का दिन भी पास आ रहा था। मेरा और बच्चों का एक्साइटमेंट भी बढ़ रहा था। फिर आख़िर में हमारा समर कैंप का दिन आ गया। बच्चों और मैंने मिल कर समर कैंप में मिलकर बहुत आनंद लिया। सभी बच्चों ने मिल कर बहुत सारी गर्तिविधियाँ की। जैसे म्युजिकल चिर्स, बैडमिंटन, खो खो , ड्रॉनिग, ड्रिंक प्रिपरेशन, आदि। हमारा समर कैंप स्कूल व समानता ऑफिस में हुआ ।
By Charu
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